दुर्ग जिले के शंकरा कोविड हॉस्पिटल के हॉल बेहाल, मरीजों को गर्म पानी, काढ़ा और चाय से रखा जा रहा दूर
न्यूज सर्च @ दुर्ग – कोराना पॉजिटिव मरीज के जीवन की सुरक्षा और राज्य व केंद्र सरकार की गाइडलाइन का हवाला देकर दुर्ग जिला प्रशासन सीनियर सिटिजन मरीजों को जबरदस्ती शंकरा कोविड हॉस्पिटल में भर्ती करा रहा है। जबकि हकीकत यह है कि यहां मरीजों के खाने और पीने तक की व्यवस्था नहीं है। मरीज अपने जीवन की दुहाई देकर होम आईसोलेशन की मांग करते हैं, लेकिन शंकरा कोविड हॉस्पिटल का स्टॉफ उनकी एक नहीं सुन रहा है। यह खबर न्यूज सर्च खुद कोविड हॉस्पिटल के अंदर भर्ती मरीज की जुबानी से लोगों तक पहुंचा रहा है।
यहां भर्ती एक महिला मरीज ने बताया कि उन्हें पहले महिला वार्ड में भर्ती कराया गया था। वहां टूटी और गंदगी से भरी लैट्रिन देखकर ही उनकी तबीयत खराब होना शुरू हो गई। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो सफाई व्यवस्था कराई गई। इसके दो दिन बाद उन्हें ऊपर के वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। अब वहां की हालत यह है कि मरीज को न तो गर्म पानी दिया जा रहा है और न ही चाय व काढ़ा। कहा जा रहा है कि वह लोग ठीक हो रहे हैं 10 दिन तक रखने की गाइड लाइन पूरी करें और घर जाएं। इससे सवाल यह उठता है कि जब दुर्ग जिला प्रशासन के पास कोविड पॉजिटिव मरीजों को खाने और पीने की व्यवस्था करने अमला और व्यवस्था नहीं है तो फिर वह मरीजों को क्यों इस तरह जबरदस्ती भर्ती करके रखे हुए हैं।
दिया जा रहा ठंडा भोजन व नाश्ता
यहां भर्ती मरीजों ने बताया कि उन्हें देखने कोई डॉक्टर नहीं आता है। जिन सिस्टर और वार्ड ब्वाय की ड्यूटी लगाई गई है वह लोग उन्हें ठंडा नाश्ता और भोजन देकर चले जाते हैं। इसके बाद अगर मरीज चिल्लाता भी रहे तो उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। इस बात जब दुर्ग जिले के कलेक्ट को अवगत कराया गया तो उनके निर्देश पर कुछ व्यवस्था में सुधार हुआ, लेकिन फिर से मरीज अव्यवस्था के पीच जीने को मजबूर हैं।
वर्जन- मेरी मां भी वहीं भर्ती हैं। उन्हें तो कोई परेशानी नहीं है। अब गलत बोल रहे हैं। मैं इस बात की जानकारी लेता हूं। आप अपने मरीज का नाम और डिटेल्स भेजिए मैं उन्हें स्पेशल वार्ड में भर्ती करवा देता हूं।
- गंभीर सिंह ठाकुर, सीएमएचओ, दुर्ग
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