निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बताया कि एम्स में कोरोना वायरस पॉजीटिव पाए जाने पर इन तीनों रोगियों को भर्ती कराया गया था जहां आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के अनुरूप तीनों का इलाज किया गया। लगातार दो दिनों से इनके कोरोना वायरस के टेस्ट नेगेटिव आ रहे थे जिसके बाद चिकित्सकों की कमेटी ने इन्हें डिस्चार्ज करने का निर्णय लिया। रविवार को प्रातः 10 बजे इन तीनों को डिस्चार्ज कर दिया गया। इन्हें 14 दिन के कवारेंटाइन में रहना होगा।
इस प्रकार एम्स से अब तक छह रोगी डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। अब सिर्फ दो रोगी ही कोरोना वायरस के एम्स के आइसोलेशन वार्ड में इलाज के लिए एडमिट हैं। ये दोनों रोगी कोरबा के हैं। प्रो. नागरकर ने इस सफलता के लिए चिकित्सकों, अधिकारियों, नर्सिंग स्टॉफ और तकनीकी कर्मचारियों को दी है।
उन्होंने कहा है कि टीम भावना से कार्य करने के कारण रायपुर को कोरोना वायरस से मुक्त कर दिया गया है। य़दि शहर और प्रदेश के निवासी इसी प्रकार सजगता और सावधानी बरतेंगे तो कोरोना वायरस से बचाव संभव है। इसकी जिम्मेदारी सभी नागरिकों की है। उन्होंने एम्स की सफलता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि निरंतर सहयोग और संसाधन की उपलब्धता से एम्स यह परिणाम प्राप्त कर पाया है।
न्यूज़ सर्च@रायपुर:- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर से रविवार को कोरोना वायरस की तीन ओर रोगियों को डिस्चार्ज कर दिया गया। ये तीनों रोगी रायपुर के हैं। अब कोरोना वायरस से पीड़ित कोरबा के दो रोगी ही एम्स में इलाज के लिए एडमिट हैं।
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