न्यूज़ सर्च@भिलाई. क्या कोई मां अपने बेटों में इतना बड़ा फर्क कर सकती है की बेटे को अपने हक के लिए पुलिस का दरवाजा खटखटाना पड़े। सुपेला थाने में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। घड़ी चौक के आगे जीई रोड स्थित कमला मेडिकल के संचालक संजय खंडेलवाल ने ऐसे ही मामले को लेकर सुपेला थाने में शिकायत की है। जांच के बाद पुलिस ने आरोप सही पाया और संजय की मां कमला देवी और भाई श्याम खंडेलवाल व सतीष खंडेलवाल के खिलाफ धारा 120बी, 420, 467, 471, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया है।
सुपेला टीआई गोपाल वैश्य ने बताया कि सुपेला चिगरी पारा ब्लाक 4520 निवासी संजय खंडेलवाल कमला मेडिकल स्टोर्स का संचालक है। उसने अपनी मां कमला देवी और भाई श्याम खंडेलवाल और सतीष खंडेलवाल के खिलाफ शिकायत कि है। उसने बताया कि 16 जून 2016 को पिता हजारी लाल खंडेलवाल की शारीरिक व मानसिक हृदय रोग की बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। वे मृत्यु के एक वर्ष पूर्व से ही अपनी बीमारी की वजह से सोचने समझने में हस्ताक्षर करने में असमर्थ थे। इसके बाद भी उनकी मां ने पिता की मौत के सप्ताहभर पहले अपने दो पुत्र श्याम व सतीश के साथ मिलकर षडयंत्रपूर्वक फर्जी वसीयतनामा तैयार कराया और फ़र्ज़ी हस्ताक्षर कराकर संजय को वसियत से बेदखल कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद तीन लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।
हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की जांच के बाद होगी गिरफ्तारी
टीआई ने बताया कि संजय ने अपनी मां और दोनों भाइयों के खिलाफ आरोप लगाया है कि पिता हजारी लाल के हस्ताक्षर फ़र्ज़ी हैं। संजय ने सवाल उठाया है कि जब उनकी तबियत खराब थी, तो अपनी मौत के सप्ताहभर पहले वो कैसे हस्ताक्षर कर सकते हैं। जब भी किसी को वसियत से अलग जब किया जाता है तो सभी बेटों को सामने बुलाया जाता है, लेकिन यह वसियत बंद कमरे में बनाई गई है। उसमें गवाह भी संजय के भाई ही बने है। संजय ने कहा कि उसके पास भी पिता के हस्ताक्षरित कई दस्तावेज हैं। यदि दोनों का हैंडराटिंग एक्सपर्ट से परीक्षण कराया तो सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। पुलिस हैंडराइटिंग परीक्षण करा रही है, इसके बाद ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
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