1- इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाकर इसे 30 सितंबर कर दिया गया है। इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम की डेडलाइन को 30 जून से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक कर दिया गया है।
2- टैक्सपेयर्स को 31 मार्च 2021 तक टीडीएस कटौती में 25 फीसदी की राहत मिली है।
3- रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगी कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक मोहलत दी जाए।
4- बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
5- नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है।
6- एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। वहीं आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा, इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
7- ईपीएफ पर बड़ी राहत दी जाएगी। सरकार अब अगस्त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 फीसदी + 12 फीसदी की रकम EPFO में जमा करेगी। मार्च, अप्रैल और मई में भी सरकार ने ही कंट्रीब्यूट किया था। फिर से इस सुविधा को तीन महीने के लिए सशर्त बढ़ा दिया गया है। यह फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी हैं और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है।
8- कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा। हालांकि पीएसयू में 12 फीसदी ही ईपीएफ कटेगा।
9- एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है। इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है। 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा।
10- 200 करोड़ तक का टेंडर ग्लोबल नहीं होगा। यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है। इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा। सरकार एमएसएमई के बाकी पेंमेंट 45 दिनों के अंदर करेगी।
11- वित्त मंत्री के मुताबिक 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समयसीमा 4 साल की होगी। इन्हें 12 महीने की छूट मिलेगी। ये ऑफर 31 अक्टूबर 2020 तक के लिए है।
12- वित्त मंत्री के मुताबिक एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी।
13- वित्त मंत्री के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए।
14- वित्त मंत्री के मुताबिक 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है.
न्यूज़ सर्च@नई दिल्ली :- 12 मई मंगलवार को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कल 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद से लोगों के जेहन में यही बात थी कि आखिर किस सेक्टर को कितना फायदा मिलेगा। 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में किसे क्या मिला? वित्त मंत्री ने इसका ऐलान कर दिया है।
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