राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र में भी चोरी की घटनाओं को दे चुके हैं अंजाम
न्यूज सर्च@दुर्ग – उत्तर प्रदेश के मेरठ में सक्रिय जिस अंतर्राज्यीय चोर गिरोह ने देश के कई राज्यों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया और वहां की पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई, उसे दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है। परित्राणाय साधूनाम का पाठ पढ़ाने वाली छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस कार्रवाई से एक बार फिर सिद्ध कर दिया है कि इस शांतप्रिया राज्य में नेक दिन से आओगे तो सुख शांति और तरक्की पाओगे और यदि बदनियती की सोच लेकर आओगे तो सलाखों के पीछे जाओगे। दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला के नेतृत्व में अंतर्राज्यीय चोर गिरोह को जो इतने कम समय में गिरफ्तारी की गई है उससे उनकी चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। मामले का खुलासा करने पहुंचे दुर्ग एडिशनल एसपी रोहित झा ने आरोपियों को पकड़ने गई टीम के पुलिस कर्मियों की प्रशंसा कर उनका नाम उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने की भी बात कही है।
एएसपी रोहित झा ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एक अंतर्राज्यीय चोर गिरोह ने 14-15 जनवरी की दरम्यानी रात दुर्ग थाना अंतर्गत पुराना बस स्टैण्ड स्थित अभिषेक वालिचा की दुकान मध्यानी आटो का शटर उखाड़कर वहां गल्ले में रखे 10 हजार रुपए पार कर दिए थे। इतना ही नहीं गिरोह ने बेबाकी से चोरी करते हुए निखिल जैन की प्रियंका काम्प्लेक्स स्थित नवकार मेडिकल स्टोर से 1 लाख 80 हजार और किशोर जैन के जैन मेडिकल दुकान का शटर तोड़कर 50 हजार रुपए चोरी किए थे। इसके बाद उसी रात पुरण सांखला निवास महावीर कालोनी के न्यू बस स्टैण्ड पचरी पारा दुर्ग स्थित नवकार बर्तन भंडार का शटर उठाकर 63 हजार रूपये व चिल्हर चोरी किया गया था। एक ही रात में कई दुकानों में चोरी की घटना होने से पुलिस अधीक्षक दुर्ग प्रशांत ठाकुर ने काफी नाराजगी जताई। उन्होंने एएसपी रोहित झा और सीएसपी विवेक शुक्ला से इन सभी चोरियों का खुलासा जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया।
एएसपी झा और सीएसपी शुक्ला ने निर्देशन में आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की गई। जांच के दौरान दो टीम को घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने का काम सौंपा गया। एक टीम को शहर में स्थित होटल, लॉज, ढाबा और आसपास के क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों को चेक करने की जिम्मेदारी दी गई। कई घंटे में दर्जनों सीसीटीवी फुटेज को लगातार देखने के बाद चार संदेहियों को पुलिस ने अपना टार्गेट माना और जब उनकी पतासाजी करना शुरू किया तो पाया कि सभी संदेही घटना को अंजाम देने के बाद बस स्टैण्ड से आटो में सवाल होकर नेहरू नगर तिराहा बायपास की तरफ गए।
दुर्ग के कैमरे को लगातार चेक करने पाया गया कि सभी संदेही रायपुर के लिए गए हैं। जब रायपुर जाकर टीम ने पंडरी बस स्टैण्ड रायपुर का फुटेज देखा तो चारों संदेहियों को बस से उतर मेकाहारा हास्पिटल रायपुर की तरफ जाते हुए देखा गया। मेकाहारा हास्पिटल के आसपास पता करने पर पता चला की आरोपी नागपुर की गए हैं। इसी दौरान जांच पड़ताल और सीसीटीवी फुटेज में चोरी के तरीके को देखकर पचा चला कि इस तरह शटर को उठाकर चोरी करने का काम दिल्ली व उसके आसपास क्षेत्र सहित उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक्टीव गैंग करता है। इसके बाद पांच सदस्य टीम दिल्ली और मेरठ के लिए रवाना की गई। पांच दिन के लगातार प्रयास के बाद संदेहियों से मिलता जुलता एक व्यक्ति मेरठ जिले के ग्राम किठौर में होने की जानकारी मिली। जब टीम किठौर पहुंची तो पता चला कि उस हुलिए के आदमी का नाम मोहम्मद सलमान है। टीम जब उसे पकड़ने पहुंची तो पता चला कि मोहम्मद सलमान दिल्ली में है।
टीम ने मोहम्मद सलमान का फोटो और मोबाइल नम्बर पता कर उसे सर्विलांस में लगाया। मोबाईल की लोकेशन के आधार एक टीम दिल्ली के लिए रवाना की गई, लेकिन तीन दिन तक पता करने के बाद भी वह नहीं मिला। इसी दौरान सलमान की लोकेशन दिल्ली से मेरठ मिली तो टीम ने उसका पीछा किया और ग्राम किठौर के पास घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुछताछ में सलमान ने अपना अपराध स्वीकार किया। पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी की रकम 3 हजार रूपये को जप्त किया गया। उसने बताया कि उसने मोहम्मद राशीद उर्फ गबरू पिता मोहम्मद मुसाहिद उम्र 46 साल निवासी किठौर, जिला मेरठ, मोहम्मद आशिफ पिता मोहम्मद सत्तर उम्र 26 साल निवासी ग्राम सिरसी, जिला संभलपुर, उत्तर प्रदेश और मोहम्मद नफिस पिता मोहम्मद जमील उम्र 45 साल निवासी राधना, तह. मवाना, जिला मेरठ के साथ मिलकर दुर्ग जिले में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस फरार तीन अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
इस पूरी कार्रवाई में दुर्ग थाना ने निरीक्षक राजेश बागड़े, उपनिरीक्षक पवन देवांगन, सउनि. लखन लाल साहू, प्र.आर राजेन्द्र वानखेड़े, प्र.आर. सायबर चंद्रशेखर बंजीर, आरक्षक जावेद खान, चित्रसेन साहू, शौकत हयात खान, फारूख खान एवं धीरेन्द्र यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
शटर में होता सेंट्रल लॉक तो नहीं कर पाते चोरी
आरोपी ने बताया कि वह लोग शटर को बीच से उठाते हैं और फिर वहां जगह बनने पर दुकान के अंदर घुसकर चोरी करते हैं। घटना की रात गिरोह के सदस्यों ने कई अन्य दुकानों को भी अपना निशाना बनाया था, लेकिन उन दुकानों में लगे शटर में सेंट्रल लॉक था। इससे वह शटर को बीच से खींचकर उठा नहीं पाए। इस दौरान उन्हें जो भी शटर बिना सेंट्रल लॉक के मिला वहीं उन्होंने चोरी की घटना को अंजाम दिया।
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