जांजगीर-चांपा 11 फरवरी, 2021
राज्य स्तरीय ऑडिट समिति के सदस्य डॉ. ओपी सुंदरानी ने कोरोना को लेकर लोगों से किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि किसी भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षण है तो वह उसे हल्के में न लें। ऐसा होने पर तुरंत कोविड जांच कराएं। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों से यह भी अपील की है कि ऐसा होने पर इसे साधारण वायरल का संक्रमण मानकर गैर मान्यता प्राप्त यानि अप्रशिक्षित व्यक्तियों से इलाज बिल्कुल न कराएं।
उन्होंने बताया,“राज्य में कोविड से हुई मृत्यु के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इसमें यह बात सामने आई है कि अनेक लोग तबीयत खराब होने पर निजी तौर पर कार्य कर रहे गैर मान्यता प्राप्त व्यक्तियों के पास जाकर इलाज करा रहे हैं। जब उनकी अधिक तबीयत खराब होने लगती है तो उसके बाद शासकीय अस्पताल या निजी अस्पताल जाते हैं। ऐसा करने से उन्हें समय पर सही इलाज नही मिल पाता। इतना ही नहीं सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ होने उसकी जांच न कराकर घर पर ही उपचार करने की कोशिश कर रहे हैं”।
राज्य स्तरीय ऑडिट समिति के सदस्य डॉ. ओ पी सुंदरानी ने कहा,“सर्दी, खांसी, बुखार आदि लक्षण आने पर झिझकना नहीं चाहिए और कोविड जांच तुरंत करानी चाहिए, क्योंकि कोरोना पाजिटिव आने पर उनका तुरंत इलाज शुरू हो जाता है और रिकवरी की संभावनाएं भी 95 प्रतिशत से अधिक हो जाती हैं। उन्होंने कहा, “कोविड जांच कराने के बाद जब तक जांच रिपोर्ट न आ जाए तक तक खुद को आइसेालेट करना चाहिए जिससे परिवार में दूसरे सदस्यों को संक्रमण का खतरा कम हो सके। रिपोर्ट आते तक सावधानी के रूप में अपना ऑक्सीजन स्तर नापते रहना चाहिए। यदि उसका लेवल 95 प्रतिशत से कम हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने से हुई मृत्यु
डॉ. सुंदरानी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी डॉक्टरों को बताया ‘’कोरबा जिले की महिला को 29 जनवरी को कोविड पॉजिटिव आया था। उसने शासकीय अस्पताल में उसकी जांच न कराकर एक गैर मान्यता प्राप्त व्यक्ति का इलाज लिया।2 फरवरी को निजी चिकित्सक से इलाज कराने के बाद अजानक उसकी तबीयत खराब होने लगी। जिस निजी चिकित्सक से उसने इलाज कराया उसने सर्दी,खांसी के लक्षण आने पर भी कोरोना जांच की सलाह नहीं दी।बाद में दूसरे निजी अस्पताल में जब महिला भर्ती हुई तोउसका कोविड टेस्ट किया गया और उसकी अधिक तबीयत बिगड़ने के चलते3 फरवरी को उसकी मृत्यु हो गई। इसी तरह बलौदाबाजार जिले के 50वर्ष के पुरूष को 1जनवरी से कफ और बुखार आने पर गैर मान्यता प्राप्त व्यक्ति से स्थानीय इलाज कराया। 10 दिन बाद तिल्दा के निजी अस्पताल में भर्ती कराने के बाद कोरोना जांच कराने पर पाजिटिव आने पर रायपुर रेफर किया लेकिन 27 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई। इसलिए हमें कोरोना से सम्बंधित लक्षणों को अत्यधिक गंभीरता से लेते हुए तुरंत जांच करानी चाहिए ताकि संभावित खतरे को कम किया जा सके|
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